नई दिल्ली. देश में अब तक कोरोनावायरस के 2902 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें से 30% तब्लीगी जमात के मरकज से लौटे लोगों की वजह से फैले हैं। पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 601 मामले बढ़े और 12 मरीजों की मौत हुई। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार शाम को दी गई। मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि सबसे ज्यादा संक्रमण युवाओं में देखा गया है। अब तक मिले संक्रमितों में 42% की उम्र 21 से 40 साल है, जबकि 33% मरीज 41 से 60 उम्र के बीच हैं। 60 साल से ऊपर के 17% मरीज हैं। 0 से 20 साल के बीच सिर्फ 9% मामले देखे गए हैं।
अग्रवाल ने बताया कि कुछ जिलों में तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। उन्हें कम के लिए विस्तृत प्लान बनाया जा रहा है। संक्रमण से जुड़े तकनीकी जानकारी के लिए 30 से ज्यादा मॉड्यूल बनाया गया है। इसे मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। सभी राज्यों के डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स को इसके जरिए ट्रेनिंग दी गई। आईसीएमआर के अधिकारी ने बताया कि अब सरकार का फोकस है टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर। एक सप्ताह में 70 हजार टेस्टिंग करने की क्षमता अब हमारे पास है। हम लोग धीरे-धीरे टेस्टिंग की क्षमता बढ़ा रहे हैं।
तब्लीगी जमात के संक्रमित लोग 17 राज्यों में मिले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तब्लीगी जमात से संबंधित केस 17 राज्यों से मिले हैं। कुल संक्रमितों में से 1023 केस तब्लीगी जमात से हैं। ये लोग तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, उत्तराखंड, केरल, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से हैं। इनके संपर्क में आए 22 हजार लोग क्वारैंटाइन हैं। अग्रवाल ने कहा कि हम इसमें शामिल सभी लोगों की तलाश कर रहे हैं। हमारी लड़ाई जारी है। अगर हम एक भी व्यक्ति को ढूंढ नहीं पाते हैं तो हमारे साथ पूरे देश की मुश्किलें बढेंगी। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे हमारा साथ दें।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी
गृह मंत्रालय की अधिकारी ने बताया कि पूरे देश में लॉकडाउन सही ढंग से लागू किया जा रहा है। आवश्यक सामानों की आपूर्ति संतोषजनक है। राज्य आपदा कार्रवाई की पहली किश्त 11 हजार 92 करोड़ शुक्रवार को जारी कर दी गई है। इसे राज्य अपने हिसाब से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। कृषि में राष्ट्रीय आपूर्ति चेन के समाधान के लिए काम किया जा रहा है। जो भी समस्या आ रही है उसके निस्तारण के लिए एमएचए का कंट्रोल रूम लगा है। इससे गृह मंत्रालय के 200 लोग जुड़े हैं। यह स्टेट और यूटी के साथ मिलकर लोगों की समस्या दूर कर रहे हैं।
घर से निकलने वालों को मास्क लगाना जरूरी
अग्रवाल ने बताया कि घर से बाहर निकलने वाले सभी लोगों के लिए मास्क लगाना जरूरी है। लोग घर में तैयार मास्क का भी प्रयोग कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सभी लोग मेडिकल कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए उपयोग किए जाने वाले एन-93 मास्क का ही प्रयोग करें। घर में बना मास्क हमें धूल-मिट्टी के साथ मुंह और नाक को हाथ से छूने से बचाएगा।